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नवलगढ़ के पूर्व विधायक नवरंग सिंह जाखड़ हुए अलविदा, अंतिम विदाई में हजारों लोग हुए शामिल


नवलगढ़ न्यूज़ (श्रवण कुमार नेचु) - नवलगढ़ विधान सभा से दो बार विधायक बने और विधानसभा के पूर्व सचेतक नवरंग सिंह जाखड़ (Navrang Singh Jakhar) का पैतृक गांव धमोरा के जाखड़ों की ढाणी में शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी। नवरंग सिंह राजनेता के साथ साथ एक कुशल शिक्षक भी थे। उन्होंने नवलगढ़ शहर में संचालित जयपुरिया स्कूल में 1960 से 1977 तक शिक्षक रहे थे। उसके बाद 1977 में पहली बार विधायक चुने गए थे। उनके पास पढ़े हुए लोगों ने बताया कि नवरंग सिंह की विधान सभा में साफ छवि ओर ईमानदारी की चर्चाएं होती थी।


जब विधानसभा में नवलगढ़ की समस्याओं पर बोलते थे तो दबंग आवाज सबको चौंका देती थी। उनके राजनीतिक जीवन में कभी कोई दाग नहीं लगा। तीसरी बार जब 1990 के चुनाव हुए उसमें कुछ ही वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। उनका अधिकतर जीवन नवलगढ़ में ही बीता। पढ़ाई से शिक्षक बनने, फिर विधायक तक का सफर उन्होंने पार किया। उस दौर में नवरंग सिंह जाखड़ का नाम किसानों की आवाज बनकर बोलता था। किसानों के हित के लिए उन्होंने हमेशा सरकार और प्रशासन से पंगा लेने में देर नहीं करते थे। नवलगढ़ शहर में गुरुजी के नाम से पहचान बन गई थी। जाखड़ों की ढाणी से नवलगढ़ फिर जयपुर तक 93 साल का सफर एक अच्छे ईमानदारी के तौर पर जाना जाएगा। वर्तमान राजनीति में आने वाले लोगों को पूर्व विधायक नवरंग सिंह के विचारों और उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए।


जाखड़ के अंतिम दर्शनों के दौरान उदयपुरवाटी के पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह, सूरजगढ़ के पूर्व विधायक सुभाष पुनिया, नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा, पूर्व प्रधान विद्याधर ओलखा, किसान नेता विद्याधर गिल, पूर्ण सिंह आजाद, गुलाब नबी आजाद, हरि सिंह गोदारा, रामनिवास शास्त्री, पूर्व एसडीएम इंद्राज सिंह काजला सहित सैकड़ों जनप्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।


किसानों के मसीहा कहे जाने वाले नवरंग सिंह जाखड़ का का शुक्रवार देर रात को निधन हो गया था। वे काफी वर्षों से परिवार के साथ जयपुर में रहते थे। लंबे समय से अस्वस्थ थे। उन्होंने पिछले डेढ़ साल से प्रदेश में शराब बंदी को लेकर अन्न त्याग दिया था। नवरंग सिंह 1977 और 1985 में नवलगढ़ के विधायक बने थे तथा विधानसभा में मुख्य सचेतक भी बने थे। विधायक रहते हुए किसानों मजदूरों और आम जनता के हितों को सर्वोपरि रखा। उनके अथक प्रयासों से क्षेत्र में अनेकों विकास कार्य हुए थे। उनके पुत्र रामावतार सिंह जाखड़ जो एसबीआई अधिकारी संघ राजस्थान के महासचिव, भारतीय बॉलीवुड संघ के महासचिव, अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। पौत्र दुष्यंत सिंह जाखड़ भारत की वॉलीबॉल टीम के कप्तान हैं। अंतिम संस्कार के समय प्रशासन तथा पुलिस अधिकारियों द्वारा पुष्प चक्र चढ़ाए और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।